प्रस्तुति ः अशोक भाटिया मुंबई से
पिछले तीस साल से बिना किसी शौर शराबे या चर्चा के कृष्ण भक्ति में लीन भजन गायिका मंजू भाटिया देश विदेश में लगातार कृष्ण के भजनों की खूश्बू फैलाती आ रही हैं । बरसों से हरे रामा हरे कृष्णा मंदिर से अटैच मंजू भाटिया को उनके इस पवित्र कार्य के सदके हाल ही में मुबंई की एक मात्र सोशल वूमैन संस्था शैला वैल फेयर ट्रस्ट ने सम्मानित किया है । कृष्ण भजन गाते गाते अचानक मंजू जी ’बजरंग बाण‘ जैसा अध्याय गाकर पहली ऐसी भजन गायिका बन गई । जिसने इस अध्याय को गाने की हिम्मत दिखाई, वरना अभी तक हनुमान चालीसा तो लता मंगेशकर के अलावा कुछ और गायिकाओं ने भी गाया,लेकिन बजरंग बाण जैसे अध्याय को अभी तक किसी महिला गायिका ने नहीं गाया । इन दिनो साधना चैनल पर मंजू भाटिया द्वारा गाये बजरंग बाण की धूम मची हुई हैं । लिहाजा चैनल इसे दिन और रात बार बार प्रसारित कर रहा है । मीडिया के बीच लोकप्रिय मंजू जी से हाल ही में बजरंग बाण को लेकर एक छोटी सी बातचीत
- बजरंग बाण गाने की कोई खास वजह ?
दरअसल हनुमान एक ऐसे देवता रहे हैं,जिन्होंने बृह्मचर्य वृत लिया हुआ था । लिहाजा महिलायें उन से हमेशा दूर ही रहीं । लेकिन बरसों से ना जाने क्यों मैं ये धार्मिक अध्याय गाना चाहती थी । शायद उसकी भी वजह थी ?
- क्या ?
मैं जब छोटी थी तो मेरी मां बजरंग बाण गाया करती थी । जिसे मैं बहुत ध्यान से सुना करती थी । उसके बाद मैं जब मैं विधिवत रूप से भजन गाने लगी तो अक्सर मेरे दिमाग में इसे लेकर एक बात आती थी,कि मेरी मां भी तो एक महिला थी,और वे बजरंग बाण गाती थी,तो मैं क्यों नहीं । लिहाजा मैने इसे गाने का फैसला कर लिया ।
- इसे गाने के बाद क्या प्रतिकि्रयायें हासिल हुई ?
अरे भैया,पहले तो मुझे कितने ही लोगों ने टोकते हुये कहा था,कि अरे बजरंग बाण मत गाना,इसे सिर्फ पुरूष ही गाते हैं । लेकिन मैं जब उनसे वजह पूछती तो वे चुप हो जाते । और गाने के बाद जब मैं इसे लेकर एक चैनल पर गई तो सुनने के बाद उन्होंने इसे हाथों हाथ लिया । बाद में तो कई चैनलों ने इसे प्रसारित किया । आज भी ये साधना चैनल पर बार बार प्रसारित हो रहा है ।
- बजरंग बाण कब और क्यों गाया जाता है ?
दरअसल हनुमान विध्नहर्ता के रूप में विख्यात हैं,भूत प्रेतों तथा अन्य राक्षसी और शनि विपदाओं को वे पल भर में हर लेते हैं । लिहाजा इसे मंगलवार तथा शानिवार को गाया जाता है ।
- आफ द्धारा गाये गये रामायण के श्लोक भी काफी लोकप्रिय हुये थे ?
दरअसल रामायण का पाठ करीब दस दिनों में खत्म होता है । बाद में इसे एक सो आठ दोहों में इस प्रकार पिरोया गया कि आप रोजाना एक घंटे में पूरी रामायण का पाठ कर सकते थे । आप यकीन करेंगे ,मैने पहली दफा ’रामायण 108 मनके‘ 1986 में गाया था,उस दौरान इसे काफी पंसद किया गया था । लेकिन 2006 में साधना चैनल ने इसे नये सिरे से नई साज सज्जा के साथ रिलीज किया तो ये पहली बार से कहीं ज्यादा पापूलर हुआ था ।
- कुछ सालों से भजन प्रचार से दूर होता जा रहा है । कोई खास वजह ?
नहीं भैया, भजन कभी प्रचार से दूर नहीं हुआ,हां प्रचार का तरीका जरूर बदल गया है । वरना आप ही बताईये,पहले धार्मिक चैनल कितने हुआ करते थे ? लेकिन आज दर्जनो धार्मिक चैनल हैं । बाबा राम देव तो आज एक स्टार का दर्जा रखते हैं ।
- और अगर यंगस्टर की बात करें तो ?
तो मैं कहना चाहूंगी कि अगर यगंस्टर की भक्तिभावना देखनी हो तो इस्कॉन मंदिर,सिद्धी विनायक मंदिर,महालक्ष्मी मंदिर या फिर साई बाबा के दर्शनों हेत् शिर्डी जाकर देखिये । आपको स्वंय पता लग जायेगा कि यंगस्टर्स आज ईश्वर को हमसे ज्यादा मानता है ।
- आप प्रचार से हमेशा दूर रहती हैं?
देखिये, मैं कोई कोई लता मंगेशकर या आशा भोंसलें तो हूं नहीं,और ना ही मैं बहुत बडी सिंगर हूं । फिर भी आप लोगों का प्यार देखकर आप लोगों से हमेशा जुडी रही हूं । बस मेरे लिये इतना ही काफी है ।
- एक भजन सिंगर में क्या क्या विशेषतायें होनी चाहिये ?
कोई जरूरी नहीं कि एक भजन सिंगर बहुत ज्यादा सुरीला या गायन का महारथी ही हो । भजन गायन भक्ति और श्रद्धा से जुडा हुआ है । इसलिये भक्ति गायन ऐसी आस्था से जुडा होना चाहिये जिसे सुनकर कोई भी भावविभोर हो भक्ति में लीन हो जाये । आपको एक उदाहरण देती हूं । एक बार मेरा कार्यक्रम चौपसटी पर हो रहा था,तभी बीच में एक बूढा भिखारी मेरे पास मुच पर आया और उसने अपने भीख के कटोरे में से पांच रूपये निकाल कर मेरे हाथ पर रखे और फिर नमन कर चलता बना । बाद में कितनी ही देर तक मैं उन पांच रूपयो को देखती रही, फिर मैने सोचा कि ये शायद मेरे लिये भगवान का दिया हुआ परसाद था,लिहाजा मैने आज भी मैने वो पांच का नोट संभाल कर रखा हुआ है ।
- आफ अभी तक कितने एलबम रिलीज हो चुके हैं ?
वैसे तो मैने ज्यादातर लाइव ही गाया है । फिर भी अभी तक तीस एलबम तो रिलीज हो ही चुके हैं । और अब ये बजरंग बाण वीडियो एलबम बाजार में है ।
achha laga....
ReplyDeleteAnek mangal kamnaon sahit swagat hai...
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका स्वागत है... इसी तरह तबियत से लिखते रहिये, हिंदी में आपका लेखन सराहनीय है, धन्यवाद
ReplyDeleteexcellent
ReplyDeleteमंजू भाटिया की इतने वर्षों की तपस्या को देखते हुए... सहीमें इनका सन्मान तो होना ही चाहिए!... जान कर बहुत खुशी हुई कि यह 'बजरंग बाण' गाने वाली पहली महिला है!
ReplyDelete..लेकिन बुरा न माने....बजरंग बाण क्यों और कब गया जाता है?' के जवाब मे शायद गलती से 'विघ्नहर्ता' कि जगह 'विघ्नकर्ता' लिखा गया है... कृपया इसे ठीक करें!
Zarabhi jankari nahi thi Bajrang Baan ke bareme...padhke achha laga..
ReplyDeleteइस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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