Sunday, May 30, 2010

‘रंग लाई मेहनत’

मेहनत से चमक उठी बावडी

उदयपुर, 30 मई। जल ही जीवन हैं, जल हैं तो कल हैं के जयकारों के साथ आज जब हाथ से हाथ सफाई अभियान की और जुडते गये तो वर्षों ंसे गंदगी से अटी पडी बावडी अपना सौंनदर्य निखान उठी। जल बचाओ मुहिम के तहत रविवार को यहां के संज्ञान सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने सूरजपोल स्थित ऐतिहासिक बावडी की सफाई की। बावडी को इसके बाद स्वच्छ जल से धोया गया ताकि वर्षा ऋतु में यह बावडी जल से सराबोर हो जाये।



सफाई अभियान के दौरान संस्थान के जयप्रकाश माली, घनश्याम सिंह भिण्डर, भूपेन्द्र चौहान, मेवाड गौरव विकास परिषद् के घनश्याम गर्ग, राजेन्द्र बंसल, गोविंद ओड, मनोज यादव, नन्दकिशोर, कार्तिकेश सिंह सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Wednesday, May 12, 2010

दूध दही के प्रदेश में शराब की नदियां


एक साल में 10 लाख प्रूफ लीटर बढ गया सिरसा का कोटा

- राजेन्द्र गुप्ता -

सिरसा, 12 मई। देसां मा देस हरियाणा, जित दूध दही का खाणा। हरियाणा की यह पारंपरिक कहावत और संस्कृति रही है। हमारे यहां दूध-दही का खाना देहात और शहर का प्रतीक माना जाता था लेकिन बदलते समय के साथ दूध दही का खाना तबदील होता जा रहा है।

              हालात यह हैं कि अखाडों में पहलवानी करने वाले हरियाणवी नौजवान नशों की गिरफ्त में फंसते चले जा रहे हैं। दूध का स्थान दारू ने ले लिया है। पहले जहां शराब के अहातों की तरफ लोग घृणा की दृष्टि से देखते थे, उन्हीं अहातों में अब अच्छे-अच्छे घरों के फरजंद टोलियां बनाकर बैठे आम देखे जा सकते हैं। यही स्थिति साथ लगते राज्य पंजाब की भी है। पिछले 5 वर्षों से जिस ढंग से शराब के ठेके और अहातों की संख्या बढी है और शराब की आपूर्ति का स्तर बढा है वह चौंकाने वाला है। ठीक वैसा ही जैसा दूध की कम होती खपत का तथ्य। घरों में दूध पीने का प्रचलन समाप्त होता जा रहा है।

          हालात यह हैं कि सिरसा जिला में अंग्रेजी शराब का जो कोटा पिछले साल 1 लाख 91 हजार 227 प्रूफ लीटर था वह इस साल बढकर 11 लाख 21 हजार 514 प्रूफ लीटर तक पहुंच गया है। इसी तरह देसी शराब का कोटा भी पिछले साल के मुकाबले बढा है। बीयर की बिक्री भी गर्मी के मौसम में काफी बढी है। हर रोज लगभग 1॰ हजार बीयर की बोतलें प्रयोग होती हैं। पहले जहां शराब में मिलावट की खबरें आती थीं लेकिन चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि बीयर में भी मिलावट करके बेचा जा रहा है। एक तरफ शराब के रेटों में इजाफा और दूसरी तरफ अहातों पर लूट। युवा वर्ग बिना किसी रोजगार के शराब पर जब पैसा लुटाएगा तो उसका हश्र आपराधिक घटनाओं की वृद्धि के साथ ही जोडकर देखा जा सकता है।

         अभी पिछले दिनों पंजाब सरकार ने विधानसभा में नियम पास करके 21 साल से कम आयु के किशोरों को शराब बेचने या पिलाने पर प्रतिबंध लगाया है। सरकार की यह चिंता पंजाब में बढ रही नशाखोरी की ओर इंगित करती है जहां कम आयु के किशोर शराब के नशे की दलदल में फंसे हुए हैं। शराबनोशी की घटनाओं के बढने के साथ ही गांवों में कच्ची शराब निकालने का धंधा भी बडे पैमाने पर फल-फूल रहा है। सिरसा जिला के रोडी व कालांवाली क्षेत्र सहित पूरे जिला में कच्ची शराब बडे पैमाने पर निकाली जाती है। ऐसे तस्करों के आगे पुलिस का नेटवर्क भी विफल दिखाई देता है। पुलिस कागज पूरे करने के लिए दो-चार लोगों से कुछ बोतल शराब पकडकर बेशक अपनी पीठ थपथपा लेती हो लेकिन हकीकतन शराब की तस्करी को रोक पाना पुलिस के लिए भी टेढी खीर है।

            हरियाणा में इन दिनों निकाय चुनाव शबाब पर हैं। चुनावों में मतदाताओं को रिझाने के लिए खूब शराब परोसी जा रही है। यद्यपि प्रशासन ने दो दिन तक ठेके बंद रखने के निर्देश दे दिए हों लेकिन उम्मीदवारों ने तो पहले ही अपने अपने हिस्से के कोटे खरीदकर पूरी तैयारी की हुई है। मुफ्त में शराब मिलने के कारण युवा वर्ग में इसके प्रति रुझान बढा है। देर रात तक लोग शराब के नशे में सडकों पर घूमते आम दिखाई देते हैं। हाल ही में शराब के अधिक सेवन से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है लेकिन प्रशासन और पुलिस इसे संज्ञान में नहीं ले रहे। संभ्रांत लोगों का कहना है कि जिस तरह से पंजाब सरकार ने युवाओं में शराबखोरी रोकने के लिए कानून लागू किया है वैसे ही हरियाणा सरकार को भी निर्णय लेना चाहिए ताकि युवा पथभ्रष्ट न हो सकें और वे अपने भविष्य के प्रति गंभीर हों।

Dainik Ibadat 27 April 2024