Wednesday, April 4, 2012

सेना के ‘मूवमेंट’ पर बवाल


 


नई दिल्ली. आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह के उम्र विवाद के दौरान सेना की दो टुकड़ियों के मूवमेंट को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक 16-17 जनवरी की रात ये टुकड़ियां राजधानी नई दिल्ली की तरफ बढ़ रही थीं। पीएम मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने अखबार में छपी इस खबर को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय सेना पर सवाल उठाने का कोई आधार ही नहीं है। रक्षा मामलों के विशेषज्ञ भी इस खबर पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन बीजेपी ने इस मुद्दे को हवा दे दिया है।


मनमोहन सिंह ने कहा कि यह रिपोर्ट 'बेवजह चिंता पैदा करने वाली' है और इसे महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। सिंह ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, "ये बेजह रपट बेवजह चिंता उत्पन्न करने वाली है। इन रपटों को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।"
सिंह ने सरकार का रुख साफ करते हुए कहा कि सेना प्रमुख का पद एक गौरवशाली पद है और हम सभी का यह दायित्व है कि ऐसा कुछ न करें जिससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंचे।
 क्‍या छपा है अखबार में?
अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि हिसार से 33 वीं आर्मर्ड डिवीजन की एक यूनिट दिल्ली आ रही सेना की टुकड़ी बहादुरगढ़ के इंडस्ट्रियल पार्क तक पहुंच गई थी, जबकि आगरा से 50 पैरा ब्रिगेड की टुकड़ी पालम पहुंच चुकी थी। लेकिन दोनों को वहीं रोककर वापस भेज दिया गया था। ये दोनों टुकड़ियां बिना किसी इजाजत के दिल्ली के पास आ गई थीं। नियमों के मुताबिक राजधानी के आसपास सेना की हलचल के बारे में सरकार को पहले से ही जानकारी देनी होती है।

बताया जा रा है कि 33 वीं आर्मर्ड डिवीजन की इस यूनिट में करीब 48 हथियारबंद गाड़ियां शामिल थीं। जब इस बात की सूचना रक्षा मंत्रालय को मिली तो डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी को तलब किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी से दोनों टुकड़ियों को वापस भेजने को कहा गया था। अखबार के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी ने रक्षा मंत्रालय से कहा था कि यह रूटीन अभ्यास है, जहां सेना कोहरे में मूवमेंट का अभ्यास कर रही थी।

ऐसी खबर है कि जिस वक्‍त सेना का यह ‘मूवमेंट’ हुआ, उस वक्‍त रक्षा सचिव एस के शर्मा मलेशिया दौरे पर थे लेकिन सरकार ने उन्‍हें तुरंत तलब किया। इसके बाद शर्मा रात में दिल्‍ली पहुंचे और सीधे अपने दफ्तर गए।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना की दो टुकड़ियों के मूवमेंट की जानकारी 17 जनवरी की सुबह प्रधानमंत्री को पूरे मामले की जानकारी दी गई थी। उत्तर पश्चिम क्षेत्र में सेना की मूवमेंट के बारे में जानकारी ली गई और पाया गया कि कुछ भी असामान्य नहीं है।

दो टुकड़ियों के मूवमेंट की सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (जन सूचना) मेजर जनरल एसएल नरसिंहन ने पुष्टि की है। लेकिन उन्होंने कहा है कि यह रूटीन एक्सरसाइज थी। रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) यूके राठौड़ मानते हैं कि यह दोनों टुकड़ियां बहुत छोटी थीं, इसलिए पहले से जानकारी देने की जरूरत नहीं है।


लेकिन रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने इस मामले को उम्र विवाद से जोड़ने को ग़लत बताया है। शर्मा ने एक निजी टीवी चैनल ने एक निजी टीवी चैनल से कहा है कि सेना की टुकड़ियों का मूवमेंट गलत नहीं था।  गौरतलब है कि 16 जनवरी को ही थल सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जून, 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के मद्देनज़र सेना की सिख यूनिटों के कुछ सिख दिल्ली की तरफ बढ़े थे। इसी को देखते हुए राजधानी में सेना की टुकड़ियों के मूवमेंट के लिए पहले से ही जानकारी देने का प्रोटोकॉल बनाया गया था।
सेना की सफाई
-दोनों टुकड़ियों को कोहरे में मूवमेंट का अभ्यास कराया जा रहा था।
-सेना का मूवमेंट दिल्ली की तरफ था, न कि पाकिस्तान सीमा की तरफ कि इसकी जानकारी दी जाए।
कुछ अहम सवाल
-रक्षा मंत्रालय को पहले से जानकारी क्यों नहीं दी गई?
-क्या इन यूनिटों को दिल्ली के इतने नजदीक तक आना था?
-इस मूवमेंट की जानकारी भारतीय वायुसेना को क्यों नहीं दी गई?

33 वीं आर्मर्ड डिवीजन (हिसार) 33 वीं आर्मर्ड डिवीजन (हिसार) आई कॉर्प्स का हिस्सा है, जो सेना का मैदानी फॉर्मेशन है। आई कॉर्प्स सेना की स्ट्राइक फोर्स है। आई कॉर्प्स की स्थापना 1965 में की गई थी। आई कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट प्रकाश चंद कटोच हैं। 
50 वीं पैराशूट ब्रिगेड
यह ब्रिगेड भारतीय सेना का फॉर्मेशन है। इसकी स्थापना 1941 में हुई थी। इसका मुख्यालय आगरा में है।  

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