नई दिल्ली: इस समय जब हमारे नेता सेनाध्यक्ष विजय कुमार सिंह को देश की रक्षा तैयारी में खामियों को मीडिया में सार्वजनिक करने के आरोप लगा रहे है, वो उस समय खामोश क्यों थे जब सीएजी यानी कैग ने आर्मी चीफ से बहुत पहले ही देश की रक्षा खामियों को उजागर किया था।

एक दैनिक अखबार में शुक्रवार को छपी खबर के अनुसार सीएजी ने पिछले साल दिसंबर में ही देश की मौजूदा रक्षा तैयारियों में कमी के बारे में आर्मी चीफ के पत्र से भी ज्यादा गंभीर चिंता जताई थी। गौरतलब है कि 12 मार्च 2012 को सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक चिट्ठी लिखकर देश की मौजूदा सुरक्षा खामियों के बारे में अवगत कराया था।

इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि जो नेता उस समय साएजी की रिपोर्ट के बारे में न कुछ बोल रहे थे और न ही इस संबंध में कोई जानकारी जुटा पाए थे वो ही आज सबसे ज्यादा आर्मी चीफ पर शब्दों के वार कर रहे हैं, और उनको हटाने तक की बात कर रहे हैं।

अखबार के मुताबिक, कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सेना के पास अत्याधुनिक हथियारों की कमी है। देश की रक्षा पंक्ति में लगे कुछ हथगोले और गोला बारूद तो द्वितीय विश्व युद्ध के समय के हैं। इसकी तकनीक भी 1970 के दशक की है, दूसरे शब्दों में हमारी सुरक्षी तकनीक समय के हिसाब से पुरानी हो चुकी है।